CG Vyapam Tracer Syllabus 2025: छत्तीसगढ़ अनुरेखक भर्ती, Syllabus और Exam Pattern देखें

CG Vyapam Tracer Syllabus

CG Vyapam Tracer Syllabus 2025 PDF Download छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (CG Vyapam), रायपुर द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में अनुरेखक (Tracer) के पद पर भर्ती के लिए परीक्षा पाठ्यक्रम जारी कर दिया गया है। जो भी उम्मीदवार इस पद के लिए तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए इस पाठ्यक्रम को समझना अत्यंत महत्वपूर्ण है। CG Tracer Exam Pattern 2025

CG Vyapam Tracer Syllabus 2025: यह परीक्षा कुल 100 अंकों की होगी, जिसमें 100 प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रश्न पत्र को दो भागों में विभाजित किया गया है: भाग-I (सामान्य अध्ययन) और भाग-II (तकनीकी कौशल)। आइए इस पाठ्यक्रम को विस्तार से जानें। CG Vyapam Anurekhak Recruitment

परीक्षा योजना CG Vyapam Anurekhak Syllabus in Hindi

  • कुल अंक: 100
  • कुल प्रश्न: 100 (प्रत्येक प्रश्न 01 अंक का)
  • भाग-I (सामान्य अध्ययन): 25 अंक (कुल 25 प्रश्न)
  • भाग-II (तकनीकी कौशल): 75 अंक (कुल 75 प्रश्न)

विस्तृत पाठ्यक्रम (Detailed Syllabus)

भाग-I: सामान्य अध्ययन (अंक – 25)

इस भाग में कुल 25 प्रश्न होंगे, जो निम्नलिखित विषयों से पूछे जाएंगे:

  1. National General Information (राष्ट्रीय सामान्य जानकारी)
  2. Computer knowledge (कंप्यूटर का सामान्य ज्ञान)
  3. Mental ability (मानसिक योग्यता)
  4. Current Event (समसामयिक घटनाक्रम)
  5. Sports (National & International) (खेलकूद – राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय)
  6. Chhattisgarh General knowledge (छत्तीसगढ़ की सामान्य जानकारी)

भाग-II: तकनीकी कौशल (अंक – 75)

इस भाग में कुल 75 प्रश्न होंगे, जो पद से संबंधित तकनीकी ज्ञान पर आधारित होंगे। इसका विस्तृत पाठ्यक्रम नीचे दिया गया है:

1. Drawing (ड्राइंग):

  • ड्राइंग में उपयोग होने वाले उपकरण, इक्विपमेंट्स और सामग्री की सूची।
  • उपकरणों के उपयोग की तकनीक।
  • स्केल (Scale): स्केल के प्रकार, R.F.।
  • भारतीय कला और वास्तुकला का इतिहास, वास्तुकला के क्रम।
  • ड्राइंग का लेआउट, रेखाएं (Lines), डायमेंशनिंग, स्केल्स और प्रोजेक्शन।
  • ऑर्थोग्राफिक प्रोजेक्शन (रेखा, प्लेन, सॉलिड में आइसोमेट्रिक, ऑब्लिक) और पर्सपेक्टिव।
  • IS 962-1989 के अनुसार बिल्डिंग ड्राइंग के लिए सेक्शन में सामग्रियों के लिए प्रतीक और पारंपरिक प्रतिनिधित्व।
  • ज्यामितीय निर्माण (Geometrical Construction) और तकनीकी स्केचिंग।

2. Building Construction Materials (भवन निर्माण सामग्री):

  • भवन सामग्री के घटक: चट्टानें, पत्थर, ईंटें, चूना, सीमेंट, मिट्टी के उत्पाद, मोर्टार, कंक्रीट, लकड़ी, मिश्रण (Admixture)।
  • सुरक्षात्मक सामग्री: पेंट, वार्निश, धातु, प्लास्टिक।
  • भवन निर्माण: पत्थर की चिनाई, ईंट की चिनाई, खोखले ब्लॉक का निर्माण, समग्र चिनाई, चिनाई के उपकरण।
  • नींव (Foundation): नींव के प्रकार और इसकी आवश्यकता, मिट्टी की भार वहन क्षमता।
  • स्थायी और अस्थायी संरचनाएं, DPC सहित भवन संरचना के लिए उपचार।
  • डैम प्रूफिंग सामग्री, दीमक-रोधी उपचार, वेदरिंग कोर्स, फायर-प्रूफिंग।
  • मेहराब (Arches), लिंटेल (Lintel), बढ़ईगीरी के जोड़ (Carpentry Joints), दरवाजे, खिड़कियां, वेंटिलेटर, फर्श, फ्लोरिंग, सीढ़ियां, छतें और छत कवरिंग, ट्रस, शेल।

3. Building Planning (भवन नियोजन):

  • भवनों का वर्गीकरण।
  • आवासीय, सार्वजनिक और व्यावसायिक भवनों की योजना और डिजाइन।
  • भूकंप प्रतिरोधी भवनों के डिजाइन की अवधारणा।

4. Building Rules & Bye-Laws (भवन नियम और उप-नियम):

  • उद्देश्य और महत्व, कार्य और जिम्मेदारी।
  • लेआउट प्लान और की-प्लान।
  • सबमिशन ड्राइंग की संरचना, सुरक्षा के लिए प्रावधान, ग्रीन बेल्ट और भूमि की आवश्यकता।

5. Road, Rail & Bridge (सड़क, रेल और पुल):

  • राजमार्ग विकास का परिचय और इतिहास, संरेखण के सामान्य सिद्धांत।
  • विभिन्न प्रकार की सड़कों का वर्गीकरण और निर्माण, घटक भाग, सड़क वक्र और ग्रेडिएंट।
  • वक्र (Curves): प्रकार, वक्रों का पदनाम, लंबी जीवाओं से क्रमिक द्विभाजन द्वारा सरल वक्र बनाना, लंबी जीवाओं से ऑफसेट द्वारा सरल वक्र।
  • रेल गेज, कार्य, आवश्यकताएं, प्रकार, रेल की लंबाई के खंड।
  • पुल का परिचय, पुल का वर्गीकरण, प्रकार और स्थान का चयन।
  • कॉफर डैम (Coffer dam): प्रकार।
  • सुपर स्ट्रक्चर, सबस्ट्रक्चर (पियर्स, एबटमेंट्स, विंग वॉल्स) के प्रकार।
  • (उपरोक्त आवश्यकता केवल मानचित्रों तक ही सीमित है।)

6. Surveying (सर्वेक्षण):

  • परिचय, इतिहास और सिद्धांत, सामान्य उपयोग की शर्तें और परिभाषाएं।
  • वर्गीकरण, सटीकता, प्रकार, चेनिंग, बेयरिंग और मेरिडियन, अक्षांश और प्रस्थान।
  • लगातार निर्देशांक और स्वतंत्र निर्देशांक, डेटम, MSL, बेंचमार्क।
  • कंटूरिंग (Contouring): परिभाषा, विशेषताएँ, कंटूर के इंटरपोलेशन की विधि।
  • विभिन्न पैमानों की टोपोशीट का अध्ययन, टोपोशीट का प्रक्षेपण, व्याख्या, डेटा का निष्कर्षण।

7. Applied Art – Commercial Art (अनुप्रयुक्त कला – वाणिज्यिक कला):

  • a) संरचना के सिद्धांत: एकता, सद्भाव, संतुलन, लय, जोर और अनुपात, अमूर्तता और शैलीकरण।
  • b) ड्राइंग और पेंटिंग: शब्दावली, फोरशॉर्टनिंग, आई लेवल, व्यू का फिक्स्ड पॉइंट, वैनिशिंग पॉइंट, राशन पर्सपेक्टिव, अनुपात, स्केचिंग, ड्रॉइंग, लाइट एंड शेड, स्टिल-लाइफ पेंटिंग, लैंडस्केप, एनाटॉमी (वर्टिकल, हॉरिजॉन्टल), दो और तीन आयामी, पारदर्शी और अपारदर्शी।
  • c) सामग्री: कागज, पेंसिल, पानी, एक्रिलिक रंग, टेम्पेरा रंग, पोस्टर रंग, पेस्टल रंग, वाटरप्रूफ स्याही, कैनवास, हार्ड-बोर्ड।
  • d) रचना का माध्यम: कोलाज, मोज़ेक, पेंटिंग, म्यूरल, फ्रेस्को, बाटिक और डाई।
  • e) मूर्तिकला: राहत और गोल मूर्तिकला, मिट्टी के साथ मॉडलिंग, टेरा-कोट्टा, लकड़ी और पत्थर में नक्काशी, कांस्य कास्टिंग।
  • f) ग्राफिक्स: लिनो-कट, रिलीफ प्रिंटिंग, एचिंग, लिथोग्राफी, सिल्क स्क्रीन प्रिंटिंग, लेटर प्रेस और ऑफसेट प्रिंटिंग।
  • g) अनुप्रयुक्त कला: बुक कवर डिजाइन और चित्रण, कार्टूनिंग, पोस्टर, समाचार पत्र और पत्रिका आदि के लिए विज्ञापन, फोटोग्राफी, कंप्यूटर ग्राफिक।

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